Bharat Stage (BS) 6 Kya Hai Hindi me:
हो सकता है आप लोग BS4 engine के बारे में जानते होगे लेकिन क्या आप लोग BS6 engine के बारे में जानते हैं 2020 से भारत में सिर्फ BS6 वाहन ही बिकेंगे, तो हम आपको यहां बताएंगे कि क्या होते हैं BS नॉर्म्स और BS6 के क्या हैं फायदे. आज हम आपको इस आर्टिकल में BS6 engine बारे में बताने वाले हैं। ऐसी क्या नई चीजें BS6 engine इंजन में मौजूद है जो पहले नहीं थी।
BS-VI से क्यों होगी गाड़ियां महंगी?(Why will vehicles be expensive with the arrival of BS-VI?)
आप एकदम सही सुन रहे हैं BS-VI लागू होने के बाद गाड़ियों की कीमत भी बढ़ जाएगी क्योंकि उसमें इलेक्ट्रिकल वायरिंग बदलने का खर्चा बढ़ जाएगा इतना ही नहीं मैं BS-VI चलने वाली गाड़ियों की क्षमता भी बढ़ जाएगी जिससे वजह से प्रदूषण कम हो जाएगा इन दोनों कारणों से गाड़ी की कीमत भी बढ़ जाएगी अंदाजा है उस हिसाब से BS-VI से गाड़ियों 15% तक महंगी हो होगी।
क्या BS-VI से फ्यूल(पेट्रोल-डीजल)की कीमतों पर भी पड़ेगा असर? (Will BS-VI also affect fuel (petrol-diesel) prices?)
इतना ही नहीं BS-VI फ्यूल (पेट्रोल-डीजल) की कीमत 1.5 से 2 रुपये प्रति लीटर तक महंगी हो सकती है।
क्या BS-VI से गाड़ियों के माइलेज पर पड़ेगा फर्क? (Will BS-VI make a difference on mileage of vehicles?)
BS-VI से लैस नई गाड़ियों की माइलेज पर भी असर पड़ेगा गाड़ियां ज्यादा माइलेज देंगी इसी के साथ साथ कोई भी कंपनी माइलेज का झूठा दावा भी नहीं कर सकेगी क्योंकि नियम लागू होने पर कंपनियों को इसका पालन करना होगा। BS-VI से लैस गाड़ियां आने से गाड़ियां ही बेहतर नहीं होंगी प्रदूषण पर भी काफी हद तक रोक लगेगी जिस तरीके से देश में लगातार गाड़ियां बढ़ रही है उसे देखते हुए BS-VI वाले इंजन काफी उपयोगी साबित होंगे।
BS-VI के फायदे
BS-VI लागू होने के बाद प्रदूषण के लिए पेट्रोल और डीजल कारों के बीच जियालदा अंतर नहीं रहेगा।डीजल कारों से 68 प्रति लीटर और गैसोलीन कारों से 25 फीसदी तक नाइट्रोजन ऑक्साइड कम होगी।साथ ही डीजल कारों से पीएम) का स्थानांतरण 80 प्रति तक कम होने की संभावना है।
BS-VI facts
भारत में उत्सर्जन मानदंड इतिहास? (Emission Norms History in India?)
भारत में पहले 1991 में पेट्रोल और 1992 में डीजल वाहनों के लिए उत्सर्जन मानकों(emission norms) को लागू किया गया था। 29 अप्रैल 1999 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया कि भारत में सभी वाहनों को 1 जून 1999 तक यूरो I या भारत स्टेज (Bharat stage 1) मानदंडों को पूरा करना होगा और अप्रैल 2000 के बाद NCR में यूरो II या भारत स्टेज 2 (Bharat stage 2) अनिवार्य होगा। 2002 में, भारत सरकार ने माशेलकर समिति(Mashelkar committee) द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया।
समिति की सिफारिशों के आधार पर, राष्ट्रीय ऑटो ईंधन नीति की घोषणा 2003 में आधिकारिक तौर पर की गई थी। भारत स्टेज (Bharat stage) मानदंडों को लागू करने का रोडमैप 2010 तक तैयार किया गया था। इस नीति में ऑटो ईंधन, पुराने वाहनों से प्रदूषण में कमी और वायु गुणवत्ता डेटा निर्माण और स्वास्थ्य प्रशासन के लिए अनुसंधान एवं विकास आदि चीजें थी।
आप नीचे बनी सारणी में देख सकते हैं की उत्सर्जन मानक(Emission Norms) कब का भारत में लागू हुआ।
भारत स्टेज उत्सर्जन मानक क्या है? (what is Bharat stage Emission Standards?)
हो सकता है आप लोग BS4 engine के बारे में जानते होगे लेकिन क्या आप लोग BS6 engine के बारे में जानते हैं 2020 से भारत में सिर्फ BS6 वाहन ही बिकेंगे, तो हम आपको यहां बताएंगे कि क्या होते हैं BS नॉर्म्स और BS6 के क्या हैं फायदे. आज हम आपको इस आर्टिकल में BS6 engine बारे में बताने वाले हैं। ऐसी क्या नई चीजें BS6 engine इंजन में मौजूद है जो पहले नहीं थी।
BS-VI से क्यों होगी गाड़ियां महंगी?(Why will vehicles be expensive with the arrival of BS-VI?)
आप एकदम सही सुन रहे हैं BS-VI लागू होने के बाद गाड़ियों की कीमत भी बढ़ जाएगी क्योंकि उसमें इलेक्ट्रिकल वायरिंग बदलने का खर्चा बढ़ जाएगा इतना ही नहीं मैं BS-VI चलने वाली गाड़ियों की क्षमता भी बढ़ जाएगी जिससे वजह से प्रदूषण कम हो जाएगा इन दोनों कारणों से गाड़ी की कीमत भी बढ़ जाएगी अंदाजा है उस हिसाब से BS-VI से गाड़ियों 15% तक महंगी हो होगी।
क्या BS-VI से फ्यूल(पेट्रोल-डीजल)की कीमतों पर भी पड़ेगा असर? (Will BS-VI also affect fuel (petrol-diesel) prices?)
इतना ही नहीं BS-VI फ्यूल (पेट्रोल-डीजल) की कीमत 1.5 से 2 रुपये प्रति लीटर तक महंगी हो सकती है।
क्या BS-VI से गाड़ियों के माइलेज पर पड़ेगा फर्क? (Will BS-VI make a difference on mileage of vehicles?)
BS-VI से लैस नई गाड़ियों की माइलेज पर भी असर पड़ेगा गाड़ियां ज्यादा माइलेज देंगी इसी के साथ साथ कोई भी कंपनी माइलेज का झूठा दावा भी नहीं कर सकेगी क्योंकि नियम लागू होने पर कंपनियों को इसका पालन करना होगा। BS-VI से लैस गाड़ियां आने से गाड़ियां ही बेहतर नहीं होंगी प्रदूषण पर भी काफी हद तक रोक लगेगी जिस तरीके से देश में लगातार गाड़ियां बढ़ रही है उसे देखते हुए BS-VI वाले इंजन काफी उपयोगी साबित होंगे।
BS-VI के फायदे
BS-VI लागू होने के बाद प्रदूषण के लिए पेट्रोल और डीजल कारों के बीच जियालदा अंतर नहीं रहेगा।डीजल कारों से 68 प्रति लीटर और गैसोलीन कारों से 25 फीसदी तक नाइट्रोजन ऑक्साइड कम होगी।साथ ही डीजल कारों से पीएम) का स्थानांतरण 80 प्रति तक कम होने की संभावना है।
BS-VI facts
- भारत में सबसे पहले दुपहिया वाहन जिसमें bs6 इंजन लगाया गया वह होंडा एक्टिवा 125 थी।
- BS-VI के आने से Hybrid engine की डिमांड काफी बढ़ जाएगी क्योंकि इसमें उत्सर्जन को रोकने वाले यंत्र लगे हुए हैं।
- इससे वाहन महंगे भी हो सकते हैं क्योंकि कार्बन उत्सर्जन को रोकने वाले यंत्र महेंगे होते हैं।
- लेकिन महंगी होने से भी फायदा है हम लोग इसके वजह इलेक्ट्रिक व्हीकल को तवज्जो देंगे। इलेक्ट्रिक गाड़ियों से वायु प्रदूषण होता ही नहीं है।
- भारत में BS-VI अप्रैल 2020 में लागू किया जाना है।
- Diesel particulate filter (DPF) यह एक सिलेंडर के आकार का उपकरण है जो इंजन के साथ जोड़ा जाएगा हो सकता है इसके कारण छोटी गाड़ियों की थोड़ी डिजाइन भी बदल दी जाए।
- इस बदलाव को लाने के लिए पेट्रोलियम इंडस्ट्रीज को लगभग 60000 करोड़ की आवश्यकता है।
- हमारा भारत वायु प्रदूषण के मामले में किसी से पीछे नहीं है भारत का नंबर भी 9वां है।
- ऐसा नहीं है कि BS-VI केवल सरकार के लिए ,कंपनियों के लिए फायदे की सौदा है यह आम व्यक्तियों के लिए भी बहुत फायदे की सौदा है क्योंकि इससे वायु प्रदूषण बहुत कम हो जाएगा और उससे होने वाली बीमारियों से हम बच सकेंगेेे।।
भारत में पहले 1991 में पेट्रोल और 1992 में डीजल वाहनों के लिए उत्सर्जन मानकों(emission norms) को लागू किया गया था। 29 अप्रैल 1999 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया कि भारत में सभी वाहनों को 1 जून 1999 तक यूरो I या भारत स्टेज (Bharat stage 1) मानदंडों को पूरा करना होगा और अप्रैल 2000 के बाद NCR में यूरो II या भारत स्टेज 2 (Bharat stage 2) अनिवार्य होगा। 2002 में, भारत सरकार ने माशेलकर समिति(Mashelkar committee) द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया।
समिति की सिफारिशों के आधार पर, राष्ट्रीय ऑटो ईंधन नीति की घोषणा 2003 में आधिकारिक तौर पर की गई थी। भारत स्टेज (Bharat stage) मानदंडों को लागू करने का रोडमैप 2010 तक तैयार किया गया था। इस नीति में ऑटो ईंधन, पुराने वाहनों से प्रदूषण में कमी और वायु गुणवत्ता डेटा निर्माण और स्वास्थ्य प्रशासन के लिए अनुसंधान एवं विकास आदि चीजें थी।
आप नीचे बनी सारणी में देख सकते हैं की उत्सर्जन मानक(Emission Norms) कब का भारत में लागू हुआ।
भारत स्टेज उत्सर्जन मानक क्या है? (what is Bharat stage Emission Standards?)
- भारत स्टेज (Bharat stage) और यूरो मानदंड(Euro norms) दोनो पढ़ने में दोनों अलग-अलग लगते हैं लेकिन है एक ही क्योंकि भारत ने यह सिस्टम यूरोप से लिया है।
- बीएस-6 इंजन से लैस वाहनों में खास फिल्टर लगेंगे, जिससे 80-90 फीसदी PM 2.5 जैसे कण रोके जा सकेंगे इससे नाइट्रोजन ऑक्साइड पर नियंत्रण लग सकेगा। जिसकी वजह से प्रदूषण पर काफी रोक लगेगी।
- बीएस-6 गाड़ियों में हवा में प्रदूषण के कण 0.05 से घटकर 0.01 रह जाएंगे। जिससे वातावरण साफ़ रहेगा। बीएस-6 इंजन से लैस गाड़ियों से (पेट्रोल और डीजल) होने पर प्रदूषण 75 फीसदी तक कम होगा।
Difference in BS-IV and BS-VI standards
अगर हम दोनों Bharat stage standard की तुलना करें तो इन दोनों की स्थिति का अंतर पता चलता है।
- CO उत्सर्जन कार्बन मोनोऑक्साइड उत्सर्जन पेट्रोल इंजन में अधिक स्पष्ट हैं। लंबी अवधि के जोखिम ऑक्सीजन हस्तांतरण को रोक सकते हैं और सिरदर्द / उबकाई को बढ़ा सकते हैं।
- सबसे अहम बात यह है कि दोनों में अंतर क्या है BS-VI मैं ऐसे पदार्थ जो प्रदूषण फैलाने में सहायक होते हैं जैसे फ्यूल में सल्फर जो हमारे जीवन के लिए भी बहुत खतरनाक है इसकी मात्रा बहुत कम हो जाएगी यानी प्रदूषण बहुत कम होगा।
आशा करते हैं कि आप लोगों को मारा आर्टिकल पसंद आया होगा|
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