Bangladesh की राजनीति इस समय अपने सबसे बड़े संक्रमण काल से गुजर रही है। शेख हसीना के पतन के बाद जो शून्य पैदा हुआ था, उसे भरने के लिए अब एक ऐसा नाम(Tariq Rahman) सबसे तेजी से उभर रहा है, जो पिछले 17 वर्षों से London में निर्वासित जीवन जी रहा था। हम बात कर रहे हैं Bangladesh नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के कार्यवाहक अध्यक्ष Tariq Rahman की, जो आज (25 दिसंबर 2025) आधिकारिक रूप से ढाका लौट आए हैं।
हालिया घटनाक्रम और अंतरराष्ट्रीय मीडिया के विश्लेषण से यह स्पष्ट है कि तारीक रहमान अब केवल एक पार्टी के नेता नहीं, बल्कि बांग्लादेश के संभावित ‘किंगमेकर’ या अगले प्रधानमंत्री के रूप में देखे जा रहे हैं।
Table of Contents
खबर का गहरा संदर्भ: आखिर ये चर्चा क्यों?
Tariq Rahman, बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के बेटे हैं। उन पर भ्रष्टाचार और 2004 के ग्रेनेड हमले की साजिश जैसे कई गंभीर आरोप रहे हैं, जिनके कारण उन्हें 2008 में देश छोड़ना पड़ा था। लेकिन आज, बांग्लादेश की जमीन पर ‘हसीना-मुक्त’ वातावरण ने उनके लिए रेड कार्पेट बिछा दिया है। उनकी वापसी 12 फरवरी 2026 को होने वाले आम चुनावों से ठीक पहले हुई है, जो उनकी राजनीतिक ताकत का लिटमस टेस्ट होगा।
यह खबर क्यों महत्वपूर्ण है?
यह केवल एक नेता की घर वापसी की कहानी नहीं है। यह दक्षिण एशिया के भू-राजनीतिक (Geopolitical) संतुलन के बदलने का संकेत है। शेख हसीना का शासन भारत के लिए सुरक्षा और स्थिरता का एक विश्वसनीय स्तंभ था। तारीक रहमान का उदय उस समीकरण को पूरी तरह बदल सकता है।
विश्लेषण: भारत के प्रति बदला हुआ नजरिया या सिर्फ कूटनीति?
ऐतिहासिक रूप से BNP और तारीक रहमान को ‘भारत-विरोधी’ और पाकिस्तान के करीब माना जाता रहा है। उनके पिछले कार्यकाल के दौरान भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में उग्रवाद को बढ़ावा मिलने की खबरें आम थीं।
हालांकि, हाल के महीनों में Tariq Rahman के सुर बदले हुए नजर आ रहे हैं। उन्होंने एक नया नारा दिया है— “न दिल्ली, न पिंडी, बांग्लादेश सबसे पहले” (Not Dilli, Not Pindi, Bangladesh before everything)।
100 Amazing Facts About Ala-ud-Din Khalji (अलाउद्दीन खिलजी)
विशेषज्ञ अंतर्दृष्टि:
- राजनीति में ‘मजबूरी’ अक्सर ‘विचारधारा’ पर भारी पड़ती है। रहमान जानते हैं कि बिना भारत के सहयोग के बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था को संभालना मुश्किल होगा। वहीं, भारत भी अब अवामी लीग के विकल्प के तौर पर BNP को एक ‘लोकतांत्रिक विकल्प’ के रूप में देख रहा है, ताकि जमात-ए-इस्लामी जैसी कट्टरपंथी ताकतों को रोका जा सके।
भविष्य के निहितार्थ: क्या होने वाला है?
- लोकतंत्र की परीक्षा: अगर तारीक रहमान सत्ता में आते हैं, तो सबसे बड़ी चुनौती यह होगी कि क्या वह BNP के कट्टरपंथी सहयोगियों को नियंत्रण में रख पाएंगे या बांग्लादेश फिर से कट्टरपंथ की ओर मुड़ेगा?
- भारत-बांग्लादेश कनेक्टिविटी: क्या हसीना के समय शुरू हुए रेल और पोर्ट प्रोजेक्ट्स जारी रहेंगे? रहमान की वापसी इन समझौतों की ‘समीक्षा’ का कारण बन सकती है, लेकिन उन्हें पूरी तरह बंद करना उनके लिए आत्मघाती होगा।
- चीन-पाकिस्तान फैक्टर: तारीक रहमान के कार्यकाल में चीन का निवेश और प्रभाव बढ़ सकता है, जो भारत के लिए रणनीतिक चिंता का विषय बना रहेगा।
निष्कर्ष
तारीक रहमान का उदय बांग्लादेश में एक नई ‘पॉलिटिकल आइडेंटिटी’ की तलाश है। दुनिया के लिए वह एक विवादित नेता हो सकते हैं, लेकिन बांग्लादेश के एक बड़े तबके के लिए वह ‘परिवर्तन’ का चेहरा हैं। भारत के लिए चुनौती यह है कि वह एक ऐसी लीडरशिप के साथ तालमेल बिठाए, जिसके साथ उसका इतिहास कड़वाहट भरा रहा है।
मुख्य समाचार स्रोत: India TV Hindi – Tarique Rahman Return and India Factor
- कांच नगरी में ‘Gray Emergency’: Firozabad AQI 395 के बीच सिसकती सांसें
- Republic Day 2026; मुख्य अतिथि कौन हैं? Who is the chief guest?
- वन्दे मातरम्(Vande Mataram) के 150 साल: 1875 से 2025 तक की महान यात्रा
- Firozabad की हवा में घुला ‘कांच का गुबार’: क्या 158 का AQI वाकई ‘सामान्य’ है?
- Tariq Rahman: क्या Bangladesh का भविष्य अब ‘London’ से तय होगा ? India के लिए इसके क्या मायने हैं?
प्रश्न 1: तारीक रहमान कौन हैं और वह चर्चा में क्यों हैं?
उत्तर: तारीक रहमान बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के बेटे और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के कार्यवाहक अध्यक्ष हैं। वह 17 साल के निर्वासन के बाद दिसंबर 2025 में लंदन से ढाका लौटे हैं, जिसके कारण वह अंतरराष्ट्रीय मीडिया और राजनीति में चर्चा का केंद्र बने हुए हैं।
प्रश्न 2: क्या तारीक रहमान भारत के समर्थक हैं या विरोधी?
उत्तर: ऐतिहासिक रूप से तारीक रहमान और उनकी पार्टी BNP को ‘भारत-विरोधी’ माना जाता रहा है। हालांकि, हालिया बयानों में उन्होंने भारत के साथ “सम्मान और समानता” पर आधारित संबंधों की वकालत की है, जिसे विशेषज्ञ एक रणनीतिक कूटनीति मान रहे हैं।
प्रश्न 3: तारीक रहमान को बांग्लादेश क्यों छोड़ना पड़ा था?
उत्तर: तारीक रहमान पर 2004 के ग्रेनेड हमले की साजिश और भ्रष्टाचार के कई गंभीर आरोप थे। गिरफ्तारी और कानूनी कार्रवाई के डर से उन्होंने 2008 में बांग्लादेश छोड़ दिया था और लंदन में शरण ली थी।
प्रश्न 4: तारीक रहमान की वापसी का भारत पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
उत्तर: उनकी वापसी से भारत के लिए सुरक्षा और रणनीतिक चुनौतियां बढ़ सकती हैं। भारत को डर है कि उनके कार्यकाल में उत्तर-पूर्व के अलगाववादी समूहों को फिर से संरक्षण मिल सकता है, हालांकि वर्तमान में दोनों पक्ष बातचीत के रास्ते तलाश रहे हैं।
प्रश्न 5: क्या Tariq Rahman बांग्लादेश के अगले प्रधानमंत्री बनेंगे?
उत्तर: 2026 में होने वाले आम चुनावों में BNP की स्थिति काफी मजबूत मानी जा रही है। अगर उनकी पार्टी जीतती है, तो तारीक रहमान प्रधानमंत्री पद के सबसे प्रबल दावेदार होंगे।