वन्दे मातरम्(Vande Mataram) के 150 साल: 1875 से 2025 तक की महान यात्रा

भारत का राष्ट्रीय गीत ‘वन्दे मातरम्’ (Vande Mataram) अपनी 150वीं वर्षगांठ (1875–2025) मना रहा है। यह गीत न केवल देशभक्ति का प्रतीक है, बल्कि भारत की सांस्कृतिक धरोहर का भी अहम हिस्सा है। इस बार गणतंत्र दिवस की थीम “वंदे मातरम” रखी गई है। यह 1875 में बंकिम चंद्र चटर्जी द्वारा रचित इस गीत के 150 वर्ष पूरे होने का उत्सव

इस बार गणतंत्र दिवस की थीम “वंदे मातरम” रखी गई है। यह 1875 में बंकिम चंद्र चटर्जी द्वारा रचित इस गीत के 150 वर्ष पूरे होने का उत्सव भी है। जब विदेशी मेहमान कर्तव्य पथ पर भारतीय सेना की धुन पर ‘वंदे मातरम’ का गुंजायमान सुनेंगे, तो यह भारत की सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और वैश्विक महत्वाकांक्षा का एक अनूठा संगम होगा।

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वन्दे मातरम्: संपूर्ण गीत (Vande Mataram Lyrics in Hindi)

वन्दे मातरम्! सुजलाम् सुफलाम् मलयजशीतलाम् शस्यश्यामलाम् मातरम् । वन्दे मातरम् ।। १ ।।

शुभ्रज्योत्स्नापुलकितयामिनीम् फुल्लकुसुमितद्रुमदलशोभिनीम् सुहासिनीं सुमधुर भाषिणीम् सुखदां वरदां मातरम् ।। २ ।। वन्दे मातरम् ।

कोटि-कोटि-कण्ठ-कल-कल-निनाद-कराले द्विसप्त-कोटि-भुजैर्धृत-खरकरवाले, अबला केन मा एत बले । बहुबलधारिणीं नमामि तारिणीं रिपुदलवारिणीं मातरम् ।। ३ ।।

तुमि विद्या, तुमि धर्म तुमि हृदि, तुमि मर्म त्वं हि प्राणा: शरीरे बाहुते तुमि मा शक्ति, हृदये तुमि मा भक्ति, तोमारई प्रतिमा गडि मन्दिरे-मन्दिरे मातरम् ।। ४ ।।

त्वं हि दुर्गा दशप्रहरणधारिणी कमला कमलदलविहारिणी वाणी विद्यादायिनी, नमामि त्वाम् नमामि कमलां अमलां अतुलाम् सुजलां सुफलां मातरम् ।। ५ ।।

वन्दे मातरम् । श्यामलां सरलां सुस्मितां भूषितां धरणीं भरणीं मातरम् ।। ६ ।। वन्दे मातरम् ।

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गीत का सरल हिंदी अर्थ (Vande Mataram Meaning)

इस गीत में कवि बंकिम चंद्र चटर्जी ने भारत भूमि की तुलना एक ममतामयी और शक्तिशाली माता से की है:

  1. सुजलां सुफलां: हे माँ! आप मीठे जल और सुंदर फलों से समृद्ध हैं। मलय पर्वत से आने वाली शीतल हवाएँ आपको शीतलता प्रदान करती हैं।
  2. शस्यश्यामलाम्: आपकी धरती लहलहाती हरी-भरी फसलों से सुशोभित है।
  3. शुभ्रज्योत्स्ना: आपकी रातें चांदनी की चमक से प्रफुल्लित हैं और पेड़ खिले हुए फूलों से लदे हुए हैं।
  4. सुहासिनी-सुमधुरभाषिणी: आप सुंदर मुस्कान वाली और मीठी वाणी बोलने वाली हैं। आप हमें सुख और वरदान देने वाली माँ हैं।
  5. शक्ति का स्वरूप: आप ही हमारे शरीर की प्राणशक्ति हैं, भुजाओं का बल हैं और हृदय की भक्ति हैं। हर मंदिर में आपकी ही मूरत है।
  6. देवी स्वरूप: आप ही दस शस्त्रों को धारण करने वाली दुर्गा हैं, आप ही धन की देवी लक्ष्मी हैं और विद्या देने वाली सरस्वती हैं। मैं आपको नमन करता हूँ।

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खास जानकारी (Vande Mataram Historical Context)

1. नैरेटिव की गहराई: यह केवल कविता नहीं, एक ‘पॉलिटिकल टूल’ था

अक्सर लोग ‘वन्दे मातरम्’ को केवल एक भक्ति गीत मानते हैं, लेकिन एक पत्रकार के रूप में मेरा विश्लेषण यह है कि यह गीत ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ भारत का पहला ‘Soft Power’ हथियार था। बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने जब ‘आनंदमठ’ में इसे पिरोया, तो उन्होंने एक भौगोलिक भूमि (Landmass) को एक ‘जीवंत माता’ (Mother Goddess) के रूप में पेश किया।

इस एक बदलाव ने भारतीयों के सोचने का तरीका बदल दिया। लोग अब किसी मिट्टी के टुकड़े के लिए नहीं, बल्कि अपनी ‘माँ’ को बेड़ियों से छुड़ाने के लिए लड़ रहे थे। यही कारण था कि 1905 के बंग-भंग आंदोलन में अंग्रेजों ने इस गीत पर प्रतिबंध लगा दिया था—क्योंकि वे इसकी रूहानी ताकत से डर गए थे।

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2. 1875 से 2025: क्यों आज भी यह गीत प्रासंगिक (Relevant) है?

आज के डिजिटल और ग्लोबल दौर में सवाल उठ सकता है कि 150 साल पुराने गीत की क्या जरूरत है? इसका जवाब इसकी पंक्तियों में छुपा है— ‘सुजलाम् सुफलाम् मलयजशीतलाम्’

  • पर्यावरण चेतना: बंकिम बाबू ने 1875 में ही प्रकृति की वंदना की थी। आज जब दुनिया क्लाइमेट चेंज से जूझ रही है, यह गीत हमें अपनी नदियों और जंगलों के प्रति सम्मान की याद दिलाता है।
  • सांस्कृतिक एकता: उत्तर से दक्षिण तक, विवादों के बावजूद, ‘वन्दे मातरम्’ की धुन आज भी हर भारतीय के रोंगटे खड़े कर देती है। यह वह गोंद (Glue) है जो विविधता वाले भारत को एक सूत्र में पिरोता है।

3. भविष्य का प्रभाव: 2025 और उसके आगे

अगले 50 वर्षों में, जैसे-जैसे भारत एक ‘विश्वगुरु’ और आर्थिक महाशक्ति बनने की ओर बढ़ेगा, ‘वन्दे मातरम्’ का महत्व और बढ़ेगा।

  • National Identity: वैश्विक नागरिकता के दौर में अपनी जड़ों से जुड़े रहने के लिए यह गीत एक ‘एंकर’ की तरह काम करेगा।
  • Soft Power Diplomacy: अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर यह गीत भारत की प्राचीन सभ्यता और आधुनिक संकल्प का प्रतिनिधित्व करेगा।

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4. एक्सपर्ट ओपिनियन: विवाद या विरासत?

एक एक्सपर्ट के तौर पर मेरा मानना है कि ‘वन्दे मातरम्’ पर होने वाले राजनीतिक विवाद अक्सर इसके गहरे आध्यात्मिक और साहित्यिक अर्थ को ओझल कर देते हैं। जब रवींद्रनाथ टैगोर ने 1896 में इसे पहली बार कांग्रेस अधिवेशन में स्वरबद्ध किया था, तब इसका मकसद विभाजन नहीं, बल्कि ‘समर्पण’ था। 2025 में हमारी युवा पीढ़ी को इसे इसी नजरिए से देखना चाहिए।

‘वंदे मातरम’ थीम: कूटनीति के साथ संस्कृति का मेल

इस बार गणतंत्र दिवस की थीम “वंदे मातरम” रखी गई है। यह 1875 में बंकिम चंद्र चटर्जी द्वारा रचित इस गीत के 150 वर्ष पूरे होने का उत्सव भी है। जब विदेशी मेहमान कर्तव्य पथ पर भारतीय सेना की धुन पर ‘वंदे मातरम’ का गुंजायमान सुनेंगे, तो यह भारत की सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और वैश्विक महत्वाकांक्षा का एक अनूठा संगम होगा।

Q1. वन्दे मातरम् के रचयिता (Writer) कौन हैं?

Ans: वन्दे मातरम् के असली रचयिता (Author) Bankim Chandra Chattopadhyay हैं। उन्होंने 1875 में इसकी रचना की थी, जिसे बाद में उनके फेमस उपन्यास ‘Anandamath’ में शामिल किया गया।

Q2. Vande Mataram को National Song का दर्जा कब मिला?

Ans: 24 जनवरी 1950 को संविधान सभा (Constituent Assembly) ने ‘वन्दे मातरम्’ को आधिकारिक तौर पर भारत का National Song (राष्ट्रीय गीत) घोषित किया था।

Q3. वन्दे मातरम् और Jana Gana Mana में क्या अंतर है?

Ans: अक्सर लोग इसमें कंफ्यूज होते हैं:
Jana Gana Mana: यह भारत का National Anthem (राष्ट्रगान) है, जिसे Rabindranath Tagore ने लिखा है।
Vande Mataram: यह भारत का National Song (राष्ट्रीय गीत) है, जिसे Bankim Chandra ने लिखा है। संविधान के अनुसार, दोनों को बराबर का सम्मान (Equal Status) प्राप्त है।

Q4. Vande Mataram पहली बार सार्वजनिक रूप से (Publicly) कब गाया गया?

Ans: यह गीत पहली बार 1896 के Indian National Congress (INC) के कलकत्ता अधिवेशन में गाया गया था। खास बात यह है कि इसे खुद Rabindranath Tagore ने अपनी आवाज में गाया था।

Q5. वन्दे मातरम् का मतलब (Meaning) क्या है?

Ans: ‘Vande Mataram’ एक संस्कृत शब्द है जिसका सरल अर्थ है— “I bow to thee, Mother” या “माँ, मैं तुझे प्रणाम करता हूँ”। यहाँ माँ का मतलब हमारी प्यारी मातृभूमि (Motherland India) से है।

Q6. यह गीत किस Language में लिखा गया है?

Ans: ‘वन्दे मातरम्’ मूल रूप से Sanskrit और Bengali भाषाओं का एक खूबसूरत मेल है। इसके शुरुआती छंद (Stanzas) शुद्ध संस्कृत में हैं।

Q7. क्या पूरा वन्दे मातरम् गीत National Song है?

Ans: नहीं, टेक्निकली वन्दे मातरम् के केवल पहले दो पदों (First Two Stanzas) को ही भारत का ‘National Song’ माना जाता है।
वन्दे मातरम्! सुजलाम् सुफलाम् मलयजशीतलाम् शस्यश्यामलाम् मातरम् । वन्दे मातरम् ।। १ ।।
शुभ्रज्योत्स्नापुलकितयामिनीम् फुल्लकुसुमितद्रुमदलशोभिनीम् सुहासिनीं सुमधुर भाषिणीम् सुखदां वरदां मातरम् ।। २ ।। वन्दे मातरम्

Who wrote Vande Mataram?

Bankim Chandra Chattopadhyay

Vande Mataram Lyrics

वन्दे मातरम्! सुजलाम् सुफलाम् मलयजशीतलाम् शस्यश्यामलाम् मातरम् । वन्दे मातरम् ।। १ ।।
शुभ्रज्योत्स्नापुलकितयामिनीम् फुल्लकुसुमितद्रुमदलशोभिनीम् सुहासिनीं सुमधुर भाषिणीम् सुखदां वरदां मातरम् ।। २ ।। वन्दे मातरम् ।
कोटि-कोटि-कण्ठ-कल-कल-निनाद-कराले द्विसप्त-कोटि-भुजैर्धृत-खरकरवाले, अबला केन मा एत बले । बहुबलधारिणीं नमामि तारिणीं रिपुदलवारिणीं मातरम् ।। ३ ।।
तुमि विद्या, तुमि धर्म तुमि हृदि, तुमि मर्म त्वं हि प्राणा: शरीरे बाहुते तुमि मा शक्ति, हृदये तुमि मा भक्ति, तोमारई प्रतिमा गडि मन्दिरे-मन्दिरे मातरम् ।। ४ ।।
त्वं हि दुर्गा दशप्रहरणधारिणी कमला कमलदलविहारिणी वाणी विद्यादायिनी, नमामि त्वाम् नमामि कमलां अमलां अतुलाम् सुजलां सुफलां मातरम् ।। ५ ।।
वन्दे मातरम् । श्यामलां सरलां सुस्मितां भूषितां धरणीं भरणीं मातरम् ।। ६ ।। वन्दे मातरम् ।

national Song of India

वन्दे मातरम् (Vande Mataram)

Source & Reference Link: * Know India – National Identity Elements (Official Portal)

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