Firozabad का AQI-175: हवा में घुला ‘जहर’! 14 November 2025

Firozabad: (विशेष संवाददाता) उत्तर प्रदेश की चूड़ी और कांच उद्योग की पहचान, Firozabad नगरी, 14 नवंबर 2025 को एक बार फिर प्रदूषण के गंभीर संकट का सामना कर रही है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 175 के चिंताजनक स्तर पर पहुँच गया है। यह सूचकांक स्पष्ट रूप से हवा की ‘खराब’ (Poor) श्रेणी को दर्शाता है, जो शहर के लाखों निवासियों के लिए एक मौन स्वास्थ्य चेतावनी है।

इस स्थान की हवा को सांस लेना 3.8 सिगरेट रोज़ पीने के समान हानिकारक है.

वायु प्रदूषण के बढ़ते आंकड़े और उसका निहितार्थ

AQI 175 का मतलब है कि Firozabad की हवा में सूक्ष्म प्रदूषक कणों, विशेष रूप से PM2.5 और PM10 की सान्द्रता (Concentration) मानक सुरक्षित सीमाओं से काफी अधिक हो गई है। PM2.5 कण इतने छोटे होते हैं कि वे सीधे फेफड़ों में गहरे तक प्रवेश कर सकते हैं और रक्त प्रवाह में मिल सकते हैं, जिससे श्वसन संबंधी विकारों से लेकर हृदय रोग और स्ट्रोक तक का खतरा बढ़ जाता है।

‘खराब’ श्रेणी के तहत स्वास्थ्य पर संभावित प्रभाव:

  • संवेदनशील आबादी: अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, या हृदय रोगों से पीड़ित व्यक्ति, बच्चे, और बुजुर्गों को तत्काल स्वास्थ्य समस्याओं का अनुभव हो सकता है।
  • सामान्य आबादी: लंबे समय तक इस हवा में रहने पर साँस लेने में हल्की परेशानी, खांसी, गले और आँखों में जलन, और थकान महसूस हो सकती है। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि ऐसे समय में बाहरी गतिविधियाँ, खासकर ज़ोरदार व्यायाम, पूरी तरह से टाल दें।

प्रदूषण के मुख्य स्रोत और मौसमी बदलाव

सर्दियों की शुरुआत के साथ ही Firozabad में वायु प्रदूषण का स्तर तेज़ी से बढ़ता है। इसके पीछे कई कारक ज़िम्मेदार हैं:

  1. औद्योगिक उत्सर्जन: Firozabad का कांच उद्योग, जो शहर की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, बड़ी मात्रा में कालिख और हानिकारक गैसों का उत्सर्जन करता है। हालांकि, प्रदूषण नियंत्रण मानदंडों का पालन सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन निगरानी की आवश्यकता बनी हुई है।
  2. वाहनों का धुआँ: पुराने और खराब रख-रखाव वाले वाहनों से निकलने वाला उत्सर्जन PM कणों और नाइट्रस ऑक्साइड जैसे प्रदूषकों को बढ़ा रहा है।
  3. कृषि और निर्माण धूल: आस-पास के क्षेत्रों में पराली जलाने की घटनाएँ और शहर के भीतर चल रहे निर्माण कार्य भी हवा में धूल और धुएं की मात्रा को बढ़ा रहे हैं, जिसे मौसमी शीतलन (Inversion) के कारण हवा की निचली परतों में कैद हो जाता है।

प्रशासनिक और नागरिक स्तर पर तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता

इस गंभीर स्थिति के लिए एक समन्वित दृष्टिकोण आवश्यक है। जिला प्रशासन को ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के ‘खराब’ श्रेणी के उपायों को तुरंत लागू करना चाहिए।

  • सख्ती से लागू करें: खुले में कचरा और बायोमास जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध।
  • सड़कों पर पानी का छिड़काव: प्रमुख सड़कों और निर्माण स्थलों के आसपास नियमित रूप से पानी का छिड़काव सुनिश्चित करना।
  • जन जागरूकता अभियान: नागरिकों को प्रदूषण के स्तर के बारे में नियमित रूप से सूचित करना और उन्हें व्यक्तिगत बचाव के उपाय (जैसे N95 मास्क का उपयोग, एयर प्यूरीफायर का उपयोग) अपनाने के लिए प्रेरित करना।

Firozabad के नागरिकों से आग्रह है कि वे अपनी सुरक्षा के लिए घर के अंदर रहें, पौष्टिक आहार लें, और स्थानीय प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें ताकि शहर को इस दमघोंटू संकट से बाहर निकाला जा सके।

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