Global NCAP Explained in Hindi: Car Safety का असली पैमाना

Global NCAP यानी Global New Car Assessment Programme एक ऐसा स्वतंत्र संगठन है, जो दुनिया भर में बनने वाली कारों की सुरक्षा (safety) को जाँचता है। इसका काम है गाड़ियों पर अलग-अलग क्रैश टेस्ट (Crash Tests) करना और उसके आधार पर स्टार रेटिंग (Star Rating) देना।

इसका महत्व क्यों है?

आज की दुनिया में कार खरीदते समय लोग सिर्फ माइलेज और फीचर्स ही नहीं देखते, बल्कि सेफ्टी (safety) भी उतनी ही ज़रूरी हो गई है। Global NCAP यह बताता है कि कोई कार एक्सीडेंट होने की स्थिति में ड्राइवर, पैसेंजर और बच्चों (occupants & child safety) को कितना प्रोटेक्शन देती है।


Global NCAP के टेस्ट कैसे होते हैं?

  1. Frontal Crash Test (फ्रंटल क्रैश टेस्ट) – गाड़ी को 64 km/h की स्पीड से बैरियर से टकराया जाता है।
  2. Side Impact Test (साइड इम्पैक्ट टेस्ट) – यह चेक करता है कि अगर साइड से गाड़ी टकराई तो यात्रियों पर कितना असर होगा।
  3. Whiplash Test (व्हिपलैश टेस्ट) – पीछे से टक्कर होने पर गर्दन और सिर पर होने वाले असर का टेस्ट।
  4. Rollover Test (रोलओवर टेस्ट) – कार के पलटने की स्थिति में सुरक्षा का अंदाज़ा।

स्टार रेटिंग (Star Rating System)

  • ⭐⭐⭐⭐⭐ (5 स्टार) → सबसे सुरक्षित कार
  • ⭐ (1 स्टार) → बेहद कम सुरक्षा
  • रेटिंग अलग-अलग होती है Adult Occupant Safety और Child Occupant Safety के लिए।

भारत और Global NCAP

भारत में Global NCAP ने एक खास कैंपेन चलाया है – “Safer Cars for India”
इसमें कई भारतीय कारों की टेस्टिंग हुई है। पहले ज़्यादातर कारें 0 या 1 स्टार पर अटक जाती थीं, लेकिन अब कई भारतीय ब्रांड्स जैसे Tata और Mahindra ने 4 और 5 स्टार रेटिंग हासिल करके साबित कर दिया है कि Made in India Cars भी सेफ हो सकती हैं।


क्यों ज़रूरी है Global NCAP?

  • यह ग्राहकों को बताता है कि कौन-सी कार सिर्फ दिखने में अच्छी है और कौन-सी सच में सेफ्टी के मामले में भरोसेमंद है।
  • इससे कार कंपनियों पर दबाव पड़ता है कि वे बेहतर बॉडी स्ट्रक्चर और सेफ्टी फीचर्स दें।
  • लोगों की जान बचाने में मदद मिलती है।

👉 आसान शब्दों में कहें तो Global NCAP एक आईना है, जो यह साफ-साफ दिखाता है कि आपकी कार एक्सीडेंट की स्थिति में आपके परिवार की कितनी सुरक्षा करेगी।

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