नया GST और Premium 2025 – पूरी जानकारी हिंदी में
भारत में गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) 2017 से लागू है। यह टैक्स व्यवस्था देश में एक राष्ट्र, एक कर, एक बाजार की सोच को लागू करने के लिए लायी गयी थी। पहले कई प्रकार के टैक्स अलग-अलग स्तर पर लगते थे जैसे – सर्विस टैक्स, वैट, एंट्री टैक्स आदि। लेकिन जीएसटी ने इन सभी को मिलाकर एक 統िक टैक्स सिस्टम बना दिया।
वर्ष 2025 में सरकार ने GST ढांचे में बड़ा सुधार किया, जिसे आमतौर पर GST 2.0 कहा जा रहा है। इस बदलाव का सबसे बड़ा असर आम जनता पर पड़ा है, खासकर बीमा Premium (Insurance Premium) पर।
GST 2.0 में मुख्य बदलाव
- स्लैब सरलीकरण
- पहले 5%, 12%, 18% और 28% की दरें थीं।
- अब केवल 5% और 18% स्लैब रह गए हैं।
- लक्ज़री और हानिकारक वस्तुओं (sin goods) पर 40% टैक्स लगाया गया है।
- जीवन और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर जीएसटी खत्म
- पहले टर्म इंश्योरेंस और हेल्थ इंश्योरेंस पर 18% GST लगता था।
- अब 22 सितंबर 2025 से व्यक्तिगत जीवन और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों पर 0% GST यानी कोई टैक्स नहीं लगेगा।
- समूह (Group) बीमा पॉलिसियों पर अभी भी GST लागू
- अगर कोई कंपनी अपने कर्मचारियों को ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस देती है तो उस पर 18% GST जारी रहेगा।
पहले और अब – प्रीमियम में अंतर
मान लीजिए किसी व्यक्ति का वार्षिक हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम ₹20,000 है।
- पहले (2025 से पहले) → बेस प्रीमियम ₹20,000 + 18% GST (₹3,600) = कुल ₹23,600।
- अब (22 सितम्बर 2025 के बाद) → केवल बेस प्रीमियम ₹20,000 देना होगा।
👉 सीधी बचत = ₹3,600 प्रति वर्ष।
वास्तविक बचत कितनी होगी?
बीमा कंपनियों को पहले GST का Input Tax Credit (ITC) मिलता था, लेकिन अब यह सुविधा खत्म हो जाएगी। इस वजह से बीमा कंपनियाँ अपने बेस Premium में 3%–5% तक की बढ़ोतरी कर सकती हैं।
इसलिए, भले ही टैक्स 18% से घटकर 0% हो गया हो, वास्तविक बचत लगभग 12%–15% तक होगी।
कौन-कौन सी पॉलिसियाँ होंगी सस्ती?
- टर्म इंश्योरेंस (Term Insurance)
- हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance)
- एंडोमेंट पॉलिसी (Endowment)
- मनी बैक पॉलिसी (Money Back)
- ULIP (Unit Linked Insurance Plan)
- सीनियर सिटीजन हेल्थ पॉलिसी
- परिवार के लिए फ्लोटर पॉलिसी
किन पर छूट नहीं मिलेगी?
- ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस (कंपनी द्वारा कर्मचारियों को दी जाने वाली)
- ग्रुप टर्म इंश्योरेंस
- बिज़नेस से जुड़ी कुछ बीमा पॉलिसियाँ (जहाँ ITC क्लेम किया जा सकता है)
यह बदलाव कब से लागू हुआ?
यह नया नियम 22 सितंबर 2025 से लागू हो गया है।
अगर आपने इससे पहले Premium जमा किया है, तो उस पर चुकाया गया GST वापस नहीं मिलेगा।
आपके लिए फायदे
- कम Premium बोझ → अब हर साल हजारों रुपये की बचत होगी।
- बीमा की पहुँच बढ़ेगी → अब और लोग बीमा खरीदने के लिए प्रेरित होंगे।
- लॉन्ग-टर्म लाभ → लंबे समय तक पॉलिसी रखने पर कुल बचत काफी बड़ी हो जाएगी।
भविष्य की संभावना
- सरकार का लक्ष्य है कि भारत में इंश्योरेंस पेनिट्रेशन (Insurance Penetration) बढ़े।
- फिलहाल भारत में केवल लगभग 4% लोग पर्याप्त बीमा कवरेज रखते हैं।
- टैक्स हटने से उम्मीद है कि यह संख्या तेजी से बढ़ेगी।
- आने वाले समय में बीमा सेक्टर में डिजिटल पॉलिसियों और कम Premium वाले प्रोडक्ट्स की मांग और बढ़ सकती है।
निष्कर्ष
नया GST 2025 बीमा धारकों के लिए एक बड़ा तोहफ़ा है।
- पहले जहाँ हर साल प्रीमियम पर 18% टैक्स देना पड़ता था, अब वह पूरी तरह खत्म हो गया है।
- यह कदम लोगों को बीमा लेने के लिए प्रोत्साहित करेगा और भारत में बीमा क्षेत्र को मज़बूत बनाएगा।
- हालाँकि बीमा कंपनियाँ बेस Premium थोड़ा बढ़ा सकती हैं, फिर भी ग्राहक की जेब पर कुल बोझ कम होगा।
👉 अगर आप नया इंश्योरेंस लेने या नवीनीकरण करने की सोच रहे हैं तो यह सही समय है।
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