स्वामी विवेकानंद | Swami Vivekananda Biography in Hindi

परिचय (Introduction)

स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) भारतीय आध्यात्मिकता (Indian Spirituality), वेदांत (Vedanta) और योग (Yoga) के विश्व-प्रसिद्ध प्रचारक थे। उन्होंने न केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में भारतीय संस्कृति (Indian Culture) का डंका बजाया। उनका जन्म 12 January 1863 को हुआ और मात्र 39 साल की उम्र में 4 July 1902 को वे इस दुनिया को छोड़ गए।
उनका सबसे प्रसिद्ध क्षण 1893 का Chicago World Parliament of Religions Speech था, जिसने उन्हें global fame दिलाई।


प्रारंभिक जीवन (Early Life)

  • स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) का जन्म नरेंद्रनाथ दत्त (Narendranath Dutta) के रूप में कलकत्ता (अब कोलकाता) में हुआ।
  • पिता विश्वनाथ दत्त (Vishwanath Dutta) एक जाने-माने वकील थे और माता भुवनेश्वरी देवी धार्मिक प्रवृत्ति की महिला थीं।
  • नरेंद्र बचपन से ही तेज बुद्धि (Intelligent), जिज्ञासु (Curious) और साहसी (Courageous) थे।
  • उन्हें Music, Sports, Horse riding, Swimming आदि में विशेष रुचि थी।

शिक्षा (Education)

  • प्रारंभिक शिक्षा कलकत्ता में हुई।
  • उन्होंने Scottish Church College, Calcutta से Graduation किया और Philosophy, History, Logic, Literature और Social Science जैसे subjects का गहरा अध्ययन किया।
  • वे Western Philosophy के साथ-साथ Hindu Scriptures जैसे Vedas, Upanishads और Bhagavad Gita में भी निपुण हो गए।

गुरु से मुलाकात (Meeting with Guru)

  • युवा अवस्था में वे Spiritual Truth की खोज में लगे रहे।
  • तभी उनकी मुलाकात Sri Ramakrishna Paramhansa से हुई।
  • रामकृष्ण ने उन्हें सिखाया कि “सभी धर्म सत्य की ओर ले जाते हैं (All religions lead to the same truth).
  • रामकृष्ण उनके आध्यात्मिक गुरु (Spiritual Master) बने और उनके जीवन की दिशा बदल दी।

संन्यास और भारत भ्रमण (Sannyas and Bharat Yatra)

  • गुरु रामकृष्ण की मृत्यु के बाद स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) ने संन्यास (Monkhood) ग्रहण किया।
  • वे पूरे भारत (Whole India) में पैदल घूमे, गाँव-गाँव जाकर गरीबों और पीड़ितों की स्थिति देखी।
  • इस दौरान उन्होंने महसूस किया कि भारत की असली शक्ति उसकी Spirituality और Youth में है।

शिकागो धर्म सम्मेलन (Chicago Speech – 1893)

  • 1893 में उन्होंने America के Chicago शहर में World’s Parliament of Religions में भाग लिया।
  • 11 September 1893 को उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत “Sisters and Brothers of America” से की।
  • पूरा Hall तालियों से गूंज उठा।
  • उन्होंने Indian Philosophy, Universal Brotherhood और Tolerance का संदेश दिया।
  • इस Speech ने उन्हें International Level पर Spiritual Leader बना दिया।

समाज सुधार और योगदान (Social Reforms & Contributions)

  1. Ramakrishna Mission (1897) की स्थापना – शिक्षा, स्वास्थ्य और समाज सेवा के लिए।
  2. भारतीय संस्कृति (Indian Culture) और योग (Yoga) को पश्चिमी दुनिया तक पहुँचाया।
  3. युवाओं (Youth) को आत्मविश्वास और राष्ट्रप्रेम की प्रेरणा दी।
  4. धार्मिक सहिष्णुता (Religious Tolerance), समानता (Equality) और मानवता (Humanity) का संदेश दिया।
  5. उनका मंत्र था – “Arise, Awake and Stop not till the Goal is Reached.”

विचार और दर्शन (Thoughts and Philosophy)

  • Education is the manifestation of perfection already in man.
  • सच्चा धर्म वही है जो मनुष्य को मजबूत बनाए।
  • उन्होंने कहा – “उठो, जागो और लक्ष्य प्राप्ति तक मत रुको।
  • वे मानते थे कि भारत का भविष्य युवाओं पर निर्भर है।

मृत्यु, स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda Death)

  • स्वामी विवेकानंद का निधन 4 July 1902 को बेलूर मठ (Belur Math, West Bengal) में हुआ।
  • केवल 39 वर्ष की आयु में उन्होंने संसार छोड़ दिया लेकिन अपने विचारों और कार्यों से अमर हो गए।

निष्कर्ष (Conclusion)

स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) केवल एक साधु (Saint) ही नहीं बल्कि महान दार्शनिक (Great Philosopher), समाज सुधारक (Social Reformer), और युवा प्रेरणा स्रोत (Youth Icon) थे। उनका जीवन संदेश आज भी लाखों लोगों को प्रेरित करता है। उन्होंने दिखाया कि अगर आत्मविश्वास, परिश्रम और आध्यात्मिकता हो, तो जीवन में कोई भी लक्ष्य कठिन नहीं है। स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda)स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda)स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda)

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